Tuesday, August 15, 2023

Telephone ka avishkar kisne kiya hai । Mobile phone ka khoj kaise hua

 Telephone ka avishkar kisne kiya hai

evolution-of-phone


दोस्तों आज इस blog के जरिए आज हम phone के आविष्कारक के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। जिस के आविष्कार के बाद दुनिया में communication का नया अध्याय लिखा गया। शायद आप जानते ही होंगे telephone का आविष्कार Alexander Graham Bell ने किया था।

आपको बता दें कि 19वीं सदी के शुरुआत मैं ही कई scienctist और engineer ने voice communication पर काम करना स्टार्ट कर दिया था, पर असल सफलता, 3 march 1847 को scotland में जन्मे Alexander Graham Bell को मिली थी।

आपको यह बता दे कि किसी भी आविष्कार में किसी एक व्यक्ति का योगदान नहीं होता है, telephone का इतिहास भी बहुत लंबा और पेचीदा है। Telephone के आविष्कार के इतिहास में। जिन engineers का योगदान माना जाता है, वह है Antonio Meucci, Elisha Gray, और Alexander Graham Bell, हालांकि इन तीनों में से telephone का आविष्कार किसने किया था, यह आज भी complicated है। लेकिन 7 मार्च 1876 को Graham Bell को telephone का patent मिल गया था, इसीलिए उनको telephone का असल आविष्कारक माना जाता है।

इन तीनों से पहले भी कहीं Researchers और scientists ने voice communication पर काम करना शुरू कर दिया था। सन 1667 में Robert hooke ने string telephone का निर्माण किया। जिसमें sound waves string के mechanical vibration एक जगह से दूसरी जगह transfer होती है। बच्चे आज भी tin के डब्बे को wire से जोड़कर उनसे बातें करते हैं। Robert hooke का telephone भी इसी सिद्धांत पर आधारित है।

सन 1816 में Francis Ronalds ने static electricity use करके दुनिया का पहला working telegraph बनाया था जिससे कि लंबी दूरी तक संदेश भेजा जा सकता था, पर इसकी समस्या यह थी कि message को हमेशा coded form में ही भेजा जा सकता था वह भी एक बार में सिर्फ एक।

1861 में germany के एक engineer Johann Philipp Reis ने sound के संचालन के लिए पहला working device बनाया और उसे telephone नाम दे दिया। उन्होंने france के charles के theory पर काम करते हुए telephone का निर्माण किया था। charles के मानना था कि electricity के मदद से sound और speech को transfer किया जा सकता है। पर Johann के इस telephone पर कई कमी थी। इसमें सिर्फ एक ही तरह से संदेश को भेजा जा सकता था और इसकी sound quality भी बहुत अच्छी नहीं थी। इसके वजह से उनकी आविष्कार को कोई खास पहचान नहीं मिल सकी।

सन 1808 में जन्मे Italy के खोजकर्ता Antonio meucci ने भी 1871 में एक telephone बनाया और उसका नाम sound telegraph रखा। और उन्होंने इसका patent कराना चाहा पर दुनिया ने उनका इस आविष्कार को फायदेमंद नहीं समझा और उनके patent को reject कर दिया गया।

Alexander Graham Bell को ध्वनि विज्ञान ( acoustics ) में शुरुआत से ही रुचि थी क्योंकि उनकी मां और बीवी दोनों ही बहरी थी और इसीलिए उनको sound पर काम करना प्रेरित करता था। Graham Bell ने 1871 में telephone पर काम करना शुरू किया था। उन्होंने इस कार्य के लिए एक assistance भी रखा था जिसका नाम था Thomas Watson। इसने Graham Bell के telephone के आविष्कार में काफी मदद की। Graham Bell ने harmonic telegraph पर काम करना शुरू किया था, जो कि एक प्रकार का device था जिसे एक साथ multiple message transmit होता था। उन्होंने इस पर काफी सुधार किया और एक साधारण सा receiver बनाया जो electricity को sound में बदल देता था। 7 मार्च 1876 को Graham Bell ने एक patent file किया और अपने आविष्कार के बारे में दुनिया को बताया। इसके बाद उनके patent को approval मिल गया। और Alexander Graham Bell को offical तौर पर telephone का आविष्कारक माना गया। लेकिन Graham Bell के patent file करने के 2 घंटे बाद ही america के Elisha Gray भी patent करवाने पहुंच गए पर तब तक काफी देर हो चुकी थी।

Mobile phone ka avishkar kisne kiya tha 

आज से कुछ सदी पहले की बात करें तो तब हमें अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने के लिए कबूतर के पैर में चिट्ठी लिखकर या फिर किसी courier के जरिए संदेश भेजना जिसमें बहुत ज्यादा समय बर्बाद होता था और यह बहुत मुश्किल भी हो हुआ करता था। फिर जैसे-जैसे जमाना आगे बढ़ा यह काम postman द्वारा किए जाने लगा फिर भी हमारा संदेश जाने में काफी वक्त लगा करता था।

फिर इस मुश्किल काम को आसान करने के लिए कई scienctist और engineer ने इसी ऐसा device का खोज करना शुरू कर दी जिससे कि संदेश भेजना आसान हो जाए और फिर इसी विचार पर काम करते हुए 1876 में Alexander Graham Bell “Telephone” का आविष्कार किया जिसमें संचार के दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव किया। Telephone के द्वारा sound signal को electrical form में बदल के wire से संदेश भेजा जाता था।

फिर Guglieimo Marconi द्वारा radio ka avishkar के 1901 में पहली बार बिना तार के बाद atlantic सागर के पास संदेश भेजने का सफलता मिली।

इसके बाद सन् 1906 में canadian scientist Reginald Fessenden ने radio signal पर काम करके इसे और आधुनिक बनाया जिसके बाद radio phone का आविष्कार किया गया। जो सेना द्वारा और समुद्री जहाज में प्रयोग किया जाता था।

First attempt to make a mobile phone. 

अभी तक आम जनता को संदेश भेजने के लिए ही telephone एकमात्र माध्यम था। कि पहली बार 1947 में at&t bell labs के द्वारा wireless phone base station बनाया गया था जोकि बहुत कामयाब नहीं हो सका। फिर 1960 के दशक के दौरान bell labs ने इसे और develop करना चाहा।

उन्होंने इसे radio से प्रेरणा लेकर बनाने का विचार किया। और एक engineer George H. Sweigert एक कामयाब wireless phone का आविष्कार कर दिया। जिसके लिए George को 10 june 1969 में पहले wireless phone का अमेरिका में patent number 3449750 मिला था।

George पहले america के radio department में काम करते थे और उनको radio wave का अच्छा अनुभव था। लेकिन उनके इस wireless phone में बहुत सारी कमियां थी जिसके लिए उनका यह pnone व्यापार के हिसाब से अच्छा साबित नहीं हुआ।

Second attempt to make a mobile phone. 

अगर बात करें दुनिया की पहली सफल Mobile phone की तो उसे वर्ष 1973 में Martin cooper नामक एक engineer ने बनाया। मैं phone में पहली call Martin ने New york से New jersey तक की थी। आपको यह बता दें कि Cooper को ही offical तौर पर मोबाइल फोन का जन्मदाता माना जाता है। आपको यह बता दे कि Martin cooper एक American engineer है। जिन्होंने 3 अप्रैल 1973 में विश्व को पहली बार मोबाइल फोन दिया था जो कि आम लोगों के लिए था, जिसका वजन लगभग 2 किलो था। सुनने में यह काफी अचंभित करता है लेकिन पहले ऐसे ही मोबाइल की अविष्कार हुई थी। आज के युग से मोबाइल कौन पहले काफी भारी हुआ करता था परंतु 1980 के दशक में ऐसा phone रखना धनवान होने का प्रतीक माना जाता था, Martin cooper ने आज के कंपनी Motorola के साथ बनकर यह मोबाइल फोन बनाया था।

के बाद वर्ष 1979 में japan में पहली बार mobile network बिछाया गया था। यह first genration का network था। जिससे आम लोग आपस में बात कर सकते हैं।

फिर सन 1983 में आम लोगों के लिए मोबाइल handset बनने लगे जो कि Motorola ही बनाना start किया था। पहला हैंडसेट का नाम Motorola dynatac 8000x था, यह मोबाइल वजन में 2 kilogram भारी, लंबाई में तकरीबन 1 feet का था और इसे charge करने में 10 घंटा समय लगता था, और मोबाइल को charge करके करीब करीब 30 मिनट तक बात करी जा सकती थी। इस वक्त इस मोबाइल की market में कीमत 3 lakhs की थी।

फिर second generation mobile network सेवा 1991 में radiolinja नामक कंपनी ने शुरू की। इस सेवा की शुरुआत से मोबाइल में s.m.s. और internet सेवा आ गई।

इसके बाद third genertaion मोबाइल सेवा वर्ष 2001 में जापान में शुरू की गई, क्योंकि उस समय का सबसे advance mobile network था। इसके सहायता से data transfer करना fast हो गया, video calling feature इसी genertaion में आया था।

आज की generation में मोबाइल फोन में क्या बदलाव हुआ है, इसके बारे में बोलने की मुझे जरूरत नहीं है।

CONCLUSION

मोबाइल फ़ोन का अविष्कार के पीछे कई साइंटिस्ट इंजीनियर का हाथ रहा है हमें उनकी ये छोटी या बड़ी कामियाबी को याद रकना चाहिए। उनके दिए गये योगदानो को हम सदा याद करते हैं। हम कितना आगे आचुके है, मोबाइल फ़ोन आज हमारे जीवन का एक आमूल्य हिससा हो चूका है।

Radio ka avishkar kisne kiya tha

अगर आज से कुछ समय पहले की बात करें जब television कुछ लोगों के पास हुआ करते थे, या यूं कहें कि जब television था ही नहीं। तब radio ही एकमात्र लोगों का entertainment का विकल्प हुआ करता था। यह लोगों का एकमात्र उपाय था ताकि वह media से और दुनिया से जुड़े रहे। साथी radio media का एक प्रमुख माध्यम हुआ करता था ताकि वह खबर और प्रतिदिन के होने वाले सारे जानकारी दे सके दुनिया को। देश-दुनिया, entertainment, खेल-कूद और government के सारे खबर radio के द्वारा लोगों तक पहुंचती थी और लोग इसे सुनने के लिए बेताब रहते थे। जैसे आज हम अपने T.V पर आने वाली प्रिय धारावाहिक के लिए बेताब रहते हैं।


 चलिए आज हम बात करते हैं कि radio का आविष्कार किसने किया था? भारत में सबसे पहले radio कब आया था? रोमांचक आविष्कार के बारे में जानने के लिए इस blog को अच्छे से पढ़िए।  

Radio waves ka avishkar

यह साल 1680 का था जब कई scienctists ने और खोजकर्ता ने काफी विस्तार से Radio waves के बारे में सोचा और अंदाजा लगाया कि कुछ इस प्रकार की waves भी होती है, जिसका use communication के लिए किया जा सकता है। 



फिर 1866 में कुछ प्रयोग के जरिए यह समझा गया की electric current variation को space में उसी तरह छोड़ दिया जाता है जिस तरह light और heat को। फिर कई scientists और engineers ने ऐसे signals की खोज शुरू की जिससे message भेजा जा सके।

First attempt at making Radio.

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करीब 1880 के दशक में Henry Rudolf Hertz ने electromagnetic waves की खोज की। जिसके बाद radio की आविष्कार में और मदद मिली। अपने electromagnetic waves की खोज के बाद Hertz ने radio के अविष्कार में अपना बहुत योगदान दिया पर सफलता मिलने से पहले उनकी मृत्यु हो गई। फिर बाद में उनके सहयोगी ने Hertz के खोजों पर किताब बनाएं। जिसमें इस विषय के पुराने विफल खोजो और Hertz द्वारा सफलतापूर्वक खोज के साथ electromagnetic तरंगों का detail में जानकारी दी गई ताकि future में Hertz खोजों को आगे बढ़ाया जा सके।

Second attempt at making Radio.

इसके बाद hertz के किताब को पूरे दुनिया के विशेषज्ञों ने ध्यान से पढ़ें जिनमें से एक Jagdish Chandra Bose भी थे। उस किताब ने जगदीश चंद्र बोस के ऊपर इतना प्रभाव डाला की कुछ ही सालों में उन्होंने एक electromagnetic waves पर आधारित एक device बना दिया। जिसे 1890 के दशक में एक वैज्ञानिक प्रदर्शन के दौरान एक दूर रखी घंटी को electromagnetic waves के द्वारा बजाया गया था। यह उस समय एक अविश्वसनीय बात थी।

Third attempt at making Radio.

Radio के अविष्कार में कोशिश तो कईयों ने की पर आपकी जानकारी के लिए बता दूं। Official तौर पर radio के आविष्कारक Guglielmo Marconi को ही wireless का जन्मदाता माना जाता है। इसी आविष्कार के लिए 1909 में उन्हें physics का nobel prize दिया गया। आपको बता दें Marconi का जन्म Italy में हुआ था। बचपन से ही Marconi की रूचि science में थी, वह अक्सर विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों में लगे रहते थे। September 1894 एक रात की बात है Marconi एक कमरे से दूसरे कमरे में गए। और वहां जाकर उन्होंने एक moscode को दबाया जिसके बाद जिन चिंगारी की चटपट हुई और 30 feets पर रखी हुई घंटी बज उठी। यह देखकर Marconi के खुशी का ठिकाना ना रहा। इसके बाद उन्होंने अपने इन प्रयोगों पर और जोर शोर से काम करना शुरू कर दिया। फिर एक दिन की बात है Marconi ने अपने बनाए हुए transmitter को पहाड़ी के एक ओर रखा और receiver को दूसरी ओर। Receiver के पास message receive करने के लिए उनका भाई खड़ा था। जब उसके भाई को message मिला तो वह खुशी के मारे पहाड़ पर नाचने लगे। उनकी खुशी देखकर Marconi को यह विश्वास हो गया कि उनका device काम कर रहा है। London में सन 1896-97 के बीच उनके द्वारा निर्मित wirless डिवाइस का प्रदर्शन काफी सफल रहा।और फिर 1897 में 12 miles तक radio संदेश भेजने में सफल हुए। इससे सारे europe में Marconi के नाम पर धूम मच गई। 12 December 1901 एक महान कार्य किया, उन्होंने पहली बार अंग्रेजी के “S”अक्षर को moscode द्वारा atlantic ocean के आर पार भेजने में सफलता प्राप्त किया। जिसके बाद उनके नाम कब विश्व में चर्चा होने लगा। आपको बता दें कि कहीं historians ने यह कहा है कि Marconi के आविष्कार के वजह से ही 1912 के titanic दुर्घटना में 700 जितने लोगों को बचाया गया था। और ऐसे ही घटनाओं में radio के द्वारा signal भेज के कई लोगों को बचाया गया।

The fourth attempt at making Radio.

आपको यह बता दे कि Marconi ने जो radio बनाया था, उससे संदेश को केवल एक ही व्यक्ति तक भेजा जा सकता था। canadian वैज्ञानिक Reginald Fessenden कई वर्षों तक radio पर काम किया था और उन्हें सफलता भी मिली। 24 December 1906 के शाम को इस canadian वैज्ञानिक ने जब अपना violin बजाया तब atlantic सागर में तैर रहे तमाम जहाज के radio operator ने उस संगीत को अपने radio set पर सुना। वह दुनिया में Radio broadcast की पहली पहल थी। हालांकि इससे पहले Jagdish Chandra Bose भारत में तथा Guglielmo Marconi सन 1901 इंग्लैंड से अमेरिका radio से व्यक्तिगत ( person-person ) signal भेजना शुरू कर दिया था। पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ message भेजने या broadcasting की शुरुआत 1906 में Reginald Fessenden ने की थी।

Radio बनी आधुनिक।

1906 में Lee de forest जैसे लोगों ने Radio को और आधुनिक बनाया प्रयोग शुरू की। इसी के बाद radio का प्रयोग संचार के माध्यम से सिर्फ navy में इस्तेमाल किया जाने लगा। फिर 1917 में World war-1 की शुरुआत के बाद किसी भी गैर फौजी के लिए radio का प्रयोग banned कर दिया गया। फिर कुछ दिनों बाद New york के है ब्रिज इन इलाकों में Lee de forest साल 1918 के दशक में सबसे पहले radio station की शुरुआत की गई थी लेकिन बाद में पुलिस ने इसे गैरकानूनी कहकर बंद करवा दिया। इसके बाद November 1920 में नौसेना के radio विभाग में काम कर चुके Frank Conrad को कानूनी तौर पर दुनिया में पहली बार Radio station की शुरुआत करने की इजाजत दे दी गई और इस तरह रेडियो पर लगी रोक को हटा दिया गया। इसके बाद साल 1923 में रेडियो पर विज्ञापन की शुरुआत हुई। रेडियो के बारे में आपको यह facts जान लेना चाहिए लेकिन शुरुआत में रेडियो को ₹10 का licence रखना पड़ा था हालांकि बाद में यह लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।

Bharat में radio का इतिहास।

भारत में साल 1924 में सबसे पहले Madras presidency club radio को लेकर आया था। इस club ने 1927 तक Radio station में प्रसारण का काम किया हालांकि financial परेशानियों के चलते इस Madras presidency club को बंद कर दिया गया। इसके बाद इसी साल 1927 में Mumbai के कुछ बड़े businessmen ने भारतीय प्रसारण कंपनी ( Indian Broadcasting Company ) को Mumbai और Kolkata में शुरू किया। इसके बाद 1932 में भारत सरकार ने इसकी जिम्मेदारी खुद ले ली और Indian Brodcasting Service जिसका साल 1936 में नाम बदलकर All India Radio (AIR) रख दिया गया। जो कि बाद में “आकाशवाणी” नाम से भी जाना जाने लगा। भारत में सरकार द्वारा बनाए गए रेडियो प्रसारण एक राष्ट्रीय सेवा थी इसके प्रसारण के लिए station बनाया गया और देश के कोने कोने तक इसकी पहुंच बनाई गई थी। यही नहीं radio ने भारत के आजादी में अहम भूमिका निभाई है।

Conclusion

Radio का महत्व हमारे जीवन में काफी indirect रहा है यह Telephone और Mobile phone की आविष्कार में काफी महत्वपूर्ण योगदान है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि साइंटिस्ट, खोजकर्ता और इंजीनियर ने छोटी सी छोटी और बड़ी सी बड़ी खोज करके इस जगत को जोड़े रखने का बहुत महत्व है।

Monday, August 14, 2023

Bijli ki khoj kisne ki thi । Father of electricity

 Bijli ki khoj kisne ki thi

कुछ इन्वेंशन होते ही ऐसे है जो दुनिअ को बदल के रख देते है, हाला की बिजली की खोज उनमे से एक है।
जैसे आग की खोज की जाई थी वैसे ही बिजली की खोज भी की गयी थी उसका किसी ने बिजली आविस्कर नहीं किया था ,जैसे की हमने science में पढ़ा है की ऊर्जा (energy) कभी खतम नहीं होती वह एक रूप से दूसरे रूप में convert होती रहती है।


वैसे ही बिजली पहले से ही दुनिआ में exist करती थीऔर आज हम ये बात करेंगे की bijli ki khoj kaise hui thi
इलेक्ट्रिसिटी(electricity) की खोज किसी एक स्कैनटेस्ट (scientist) ने नहीं की थी इसमें कई scientist का योगदान रहा रहा है।


बिजली की खोज में कई बड़े बड़े scientist वैगनिको का योगयदन रहा है जिहोने पीढ़ी दर पीढ़ी time to time इसमें सुधर (work) किया और electricity को बानने के तरीको का इजात (invent) किया।

Bijli khoj ki शुरुआत Greek scientist Thales

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लगभग ६०० इसा पूर्व (600 bc ) greek scientist Thales ने पता लगया की काच (glass) या अम्बर (electron) के टुकड़े को रेसम (silk) या बिल्ली के बाल (cat hair) से रगड़ने पर उसमे एक ऐसी ऊर्जा (energy) आ जाती है जो अपने से हलकी वास्तु (example paper) को अपने तरफ आकर्षित (attract) करती है(जिसे आज हम science में Static charge के नाम से जानते है)।

मगर Thales की इस theory पर लोगो ने ज्यादा धयान नहीं दिया , और कई लोगो ने इसे कला जादू (black magic) तक मान लिया।

बाद में thales ने इस पर रिसर्च (research) करने के बाद पाया की यह जादू नई साइंस (science) है।

ग्रीक में अम्बर को (electron) कहा जाता था और इस रिसर्च (research) के बाद thales ने इसे बिजली (electricity) का नाम दिया।

William Gilbert the father of Modern Electricity

सबसे पहले यह सवाल है की bijli ki khoj kab hui thi? "Electricity" शब्द का निर्माण भौतिक विज्ञानी और चिकित्सक William Gilbert ने किया था।

वह magnetism और बिजली के बीच संबंध की पहचान करने वाले पहले व्यक्ति थे, साथ ही पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की पहचान करने और उसका वर्णन करने वाले पहले व्यक्ति थे।

Benjamin Franklin (kite experiment)

Benjamin-Franklin-kite-experiment

Benjamin franklin ने 1775 में एक फेमस (kite experiment) किया जिससे उन्होंने स्टैब्लिश (stablish) किया connection between lightning and electricity. इस एक्सपेरिमेंट ने Benjamin franklin ने एक पतंग (kite) को बरसात के दौरान जिसमे उन्होंने एक (wet hemp string) गीली रस्सी (which conduct electricity) को बांध के उड़या और रस्सी के आखरी में एक चाभी (metal key) लकता दी।

इस प्रोसेस में electricity produce हुई और फ्रेंक्लिन ने इसे एक permeative capacitor में स्टोर किया , experiment करते वक्त Benjamin franklin को भी बिजली का जतका लगा। इस एक्सपेरिमेंट से prove हुआ की आसमान में चमकने वाली बिजली और electricity एक की है।

Benjamin franklin ही वो पहले scientest थे जहिनो (positive) और (negative) चार्ज term को अलग किया और law of conservation of charge के बारे में बतया।

Italian physicist Alessandro Volta's battery cell invention

साल 1800 में Italian physicist alessandro volta ने अपने रिसर्च में पाया की chemical रिएक्शन से भी बिजली (electricity) बनाना सम्बव है और उन्होए एक electric सेल का अविष्कार (invention) किया जिससे बिजली बनाया जा सकता था , वोल्टा ने electric बैटरी positive और negative कनेक्टर को इस्तेमाल से बनया।
और physicist alessandro volta के नाम पे ही volt यूनिट को रखा गया।


Hans Christian Oersted's experiment

ओर्स्टेड के प्रयोग (Oersted experiment) से पता चला था की बिजली से चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) पैदा की जा सकती है।

उन्होंने संन 1820 बताया कि जब बिजली किसी तार से प्रवाहित होती है, तो यह एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है जो पास की कंपास सुई को प्रभावित करती है।

Michael Faraday's experiment

तब Michael Faraday के मन में यह सवाल उठा की बिजली से चुम्बक (magnet) तो बनाया जा सकता है पर क्या चुम्बक (magnet) से बिजली उत्पन की जा सकती है ?

कई experiment करने के बाद Michael Faraday ने संन 1831 में पाया की चुम्बक (magnet) को तार की कुंडली यानि (coil) के पास से गुजरा जाता है तो उस तार में current पैदा हो जाती है यानि चुम्बक द्वारा उत्पन magnetic फ्लक्स में पर्वितन से तार में बिजली पैदा होती है।

इसे ही Faraday law of electromagnetic induction कहा जाता है। और इसी सिदांत की मदत से उन्होंने अविष्कार किया electric generator यानि dynamo का जिससे आज भी बिजली पैदा की जाती है।
आपको बता दे की transformers भी इसी सिदांत का उपयोग करते है।

उसी वर्ष, Thomas Johann Seebeck ने thermo-electricity की खोज की। उन्होंने पाया कि जब कुछ धातुओं के junction को गर्म किया जाता है, तो उनमें बिजली प्रवाहित (flow) होती है।

AC current ki khoj kisne ki

Nikola tesla को DC current की सभी कमियाँ पता थीं और वह AC current पर काम कर रहे थे। AC मतलब Alternative Current। वह चाहते थे कि ऐसा current बनाया जाए जो सुरक्षित हो और जो लंबी दूरी तक current supply कर सके।

जब Tesla ने Edison को अपने सारे AC current expirement को बताया तो Edison ने AC current को अपनाने से साफ इनकार कर दिया और उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि कोई प्रयोग करना है तो DC Current पर करें । जिसके बाद Tesla ने Edison की company को छोड़ दिया और AC generator और AC motor के ऊपर काम करना शुरू कर दिया।

आखिरकार 1887 में Nikola Tesla ने AC current का खोज कर डाला। और यह current हम कोसों दूर बिना किसी परेशानी के transmit कर सकते थे।

इस प्रकार, कई वैज्ञानिकों और भौतिकविदों (physicists) ने बिजली की खोज और नामांकन में योगदान दिया है। और उनकी वजह से आज हम bijli का उपयोग आसानी से और सुरक्षित रूप से कर सकते हैं।

Bharat में बिजली का avishkar कब हुआ?

अब अगर हम बात करें तो Bharat में सबसे पहले bijli कहां आई? अथवा bharat में विद्युत की खोज किसने की?
भारत में पहली बिजली 1879 में kolkata शहर में आई थी। और भारत का पहला बिजली उत्पादन कारखाना 1899 में kolkata में स्थापित किया गया था और उसके बाद 1905 में दिल्ली में diesel से बिजली का उत्पादन शुरू हुआ।
इसके बाद धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी बिजली का उत्पादन होने लगा। इस तरह भारत में बिजली का आगमन हुआ।

आज हम किस तरीके से electricity को generate करते हैं?

2 तरीके से बिजली का उत्पादन होता है।
  • Primary sources
  • Secondary source

Primary sources

वे sources जो nature से प्राप्त होते हैं। उन्हें हम Primary sources कहते हैं। जैसे सूर्य की गर्मी, हवा, समुद्र (ज्वार भाटा)। लेकिन इससे लगातार energy का उत्पादन करना मुश्किल होता है इसीलिए इन sources का इस्तेमाल सीमित रूप से की जाती है।

जबकि bharat में इन्हें इस्तेमाल करने के लिए बड़े level पर research हो रहे हैं।


Secondary source

जल, कोयला, तेल और गैस, ऊर्जा के Secondary source हैं। ये सभी sources बिजली का उत्पादन करते हैं। भारत इन sources से बहुत अधिक मात्रा में बिजली का उपयोग की जाती है।

इन sources से पाई जाने वाली electricity को अलग-अलग category में बांटा गया है।

  • Hydroelctric power plant
  • Thermal Electric Power Plant
  • Diesel Power Plant
  • Nuclear Power Plant

Conclusion

तो दोस्तों यह थी बिजली के बारे में जानकारी कैसे खोजी गई और यह किन स्रोतों से प्राप्त की जा रही है, अभी भी बिजली पर कई शोध चल रहे हैं और इसके उत्पाद पर अभी भी कई नई तकनीकों पर काम चल रहा है।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बिजली के आगमन से हमारी दुनिया की पूरी संरचना बदल गई है।

Telephone ka avishkar kisne kiya hai । Mobile phone ka khoj kaise hua

 Telephone ka avishkar kisne kiya hai दोस्तों आज इस blog के जरिए आज हम phone के आविष्कारक के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। जिस के आविष्का...